Platelets Kam Hone Ke Karan | प्लेटलेट्स काम होने के ९ करना - Bodywise
किसी भी घाव या चोट के लगने पर शरीर से बहने वाले रक्त को रोकने का काम प्लेटलेट द्वारा किया जाता है। यदि प्लेटलेट की कमी होती है तो खून को बहने से रोकना मुश्किल हो जाता है और बीमारी को ठीक होने में समय भी लग जाता है। शरीर में प्लेटलेट्स का पर्याप्त मात्रा में होना जरुरी है। यदि आप भी प्लेटलेट्स की कमी से परेशान है तो आगे बताये गए तरीके आपके काम आ सकते है।
कम प्लेटलेट काउंट क्या है? - What Is a Low Platelet Count?
प्लेटलेट्स रक्त के थक्के बनाते हैं, जिससे रक्त का बहना बंद हो जाता है। जब त्वचा पर घाव हो जाते है तो प्लेटलेट्स आपस में चिपककर खून को रोकने के लिए थक्के बनाते हैं। रक्त की आपूर्ति में पर्याप्त प्लेटलेट्स नहीं होने पर शरीर थक्के नहीं बना पाता है।
प्लेटलेट काउंट के कम होने को थ्रोम्बोसाइटोपेनिया कहते है। थ्रोम्बोसाइटोपेनिया अस्थि मज्जा विकार जैसे: ल्यूकेमिया या प्रतिरक्षा प्रणाली के कारण होता है। जो पुरुष थ्रोम्बोसाइटोपेनिया से पीड़ित है उनके रक्त में पर्याप्त प्लेटलेट्स नहीं होते है जिसका मतलब है रक्त में प्लेटलेट्स की संख्या कम होना।
प्लेटलेट्स रक्त वाहिकाओं की चोटों में क्लंपिंग और प्लग बनाकर रक्तस्त्राव को रोकते हैं। प्लेटलेट्स (थ्रोम्बोसाइट्स) रंगहीन रक्त कोशिकाएं होती हैं। ज्यादातर पुरुषों के लिए यह कोई गंभीर बात नहीं है, लेकिन किसी पुरुष को कोई बड़ी बीमारी है तो फिर नुकसान हो सकता है जैसे: आपके मसूड़ों, आंखों से, मूत्राशय में स्वचालित रूप से खून बह सकता हैं या चोट लगने पर खून ज्यादा बह जाता है।
कुछ दवाएं ऐसी होती है जिसका साइड इफेक्ट हो जाता है जिसके कारण यह समस्या होती है। यह बच्चों और वयस्क दोनों को हो सकती है। थ्रोम्बोसाइटोपेनिया वाले अधिक गंभीर मामलें वाले पुरुषों में अनियंत्रित रक्तस्राव की वजह से उनकी मृत्यु भी हो सकती है।
कम प्लेटलेट काउंट के लक्षण क्या हैं? - What Are the Symptoms of a Low Platelet Count in Hindi?
वैसे तो इसके कोई ख़ास लक्षण दिखाई नहीं देते है, किन्तु कुछ मामलों में थ्रोम्बोसाइटोपेनिया के लक्षणों का अनुभव हो सकता है इनमें शामिल है।
- लाल, बैंगनी या भूरे रंग के घाव पड़ना
- छोटे लाल या बैंगनी डॉट्स के साथ दाने उठना जिसे पेटीचिया कहते है
- नकसीर चलना
- मसूड़ों में से खून का बहना
- घावों से रक्तस्त्राव होना जिसका लंबे समय तक बने रहना या अपने आप बंद नहीं होना
अगर मामला गंभीर है तो आपको आंतरिक रूप से रक्तस्राव हो सकता है। इसके लक्षण कुछ इस प्रकार होते है।
- पेशाब में खून निकलना
- खूनी उल्टी या बहुत ज्यादा उल्टी होना
- मल में से खून का आना
आंतरिक रक्तस्राव के लक्षण महसूस होने पर तत्काल चिकित्सक से परामर्श लें। दुर्लभ मामलों में, थ्रोम्बोसाइटोपेनिया से मस्तिष्क में रक्तस्राव हो सकता है।
प्लेटलेट्स कम होने के कारण - What Are the Causes of a Low Platelet Count?
प्लेटलेट बहुत सी वजह से कम हो जाता है जैसे किसी तरह की बीमारी होने से या गलत आदतों की वजह से। आगे प्लेटलेट्स कम होने के कारण के बारे में जानते है।
अस्थि मज्जा हड्डी के अंदर स्पंजी एक ऊतक होता है। जहां प्लेटलेट्स के साथ ही रक्त के सभी घटकों का उत्पादन होता है। किसी पुरुष के अस्थि मज्जा में पर्याप्त प्लेटलेट्स नहीं बनने के मुख्य कारण है।
- विटामिन की कमी, विटामिन बी १२ की कमी, फोलेट और आयरन की कमी
- बहुत अधिक शराब का सेवन
- एपस्टीन-बार, एचआईवी, कण्ठमाला, चिकनपॉक्स और रूबेला सहित वायरल संक्रमण
- कीमोथेरेपी, विकिरण या जहरीले रसायनों के संपर्क में आना
- सिरोसिस है एक कारण
- कैंसर जैसे ल्यूकेमिया और लिम्फोमा
- अप्लास्टिक एनीमिया होने से
- मे-हेगलिन और विस्कॉट-एल्ड्रिच सिंड्रोम जैसी आनुवंशिक स्थितियों के कारण
- माइलोडिसप्लासिया
प्लेटलेट्स कैसे बढ़ाए - How to Increase Platelets Count in Hindi
प्लेटलेट काउंट बढ़ाने के लिए आपको में कुछ भोज्य पदार्थों को शामिल करना होगा जानते है आगे बताये गए तरीकों से प्लेटलेट्स कैसे बढ़ाए।
१. विटामिन डी
विटामिन डी का सबसे मुख्य स्त्रोत है सूर्य। विटामिन डी से मांसपेशियों, हड्डियों, तंत्रिकाओं और प्रतिरक्षा प्रणाली का विकास होता है। विटामिन डी से युक्त खाद्य पदार्थ का सेवन भी आप कर सकते है।
२. फोलेट युक्त खाद्य पदार्थ
स्वस्थ रक्त कोशिकाओं के लिए फोलेट एक आवश्यक बी विटामिन है। इसका सेवन करे, फोलिक एसिड फोलेट का सिंथेटिक रूप है।
३. विटामिन बी-१२ युक्त खाद्य पदार्थ
विटामिन बी-१२ का सेवन करे। जब शरीर में विटामिन बी-१२ की कमी हो जाती है तब भी प्लेटलेट काउंट कम हो जाता है लाल रक्त कोशिकाओं के निर्माण में विटामिन बी-१२ महत्वपूर्ण होता है।
४. विटामिन सी युक्त खाद्य पदार्थ
आपको विटामिन सी का सेवन करना चाहिए। विटामिन सी प्लेटलेट्स को सही ढंग से काम करने में भी मदद करता है प्लेटलेट्स बढ़ाने के लिए विटामिन सी का सेवन करे।
५. मेलाटोनिन
शरीर स्वाभाविक रूप से मेलाटोनिन का उत्पादन करता है लेकिन अन्य रूप में भी आप इसे प्राप्त कर सकते है जैसे: टैबलेट, कई स्वास्थ्य खाद्य भंडारों में तरल रूप में आदि।
६. पपीते के पत्ते का अर्क
प्लेटलेट्स बढ़ाने के उपाय में पपीते के पत्ते बहुत मदद करते है पपीते के पत्ते प्लेटलेट और लाल रक्त कोशिकाओं की संख्या में वृद्धि करता है। पपीते के पत्ते का सेवन आप जिस तरह से कर सकते है करें।
७. क्लोरोफिल
यह एक हरा रंगद्रव्य है जो पौधों को सूर्य से प्रकाश को अवशोषित करने में मदद करता है। यह प्लेटलेट्स बढ़ाने में मदद करता है।
८. आयरन युक्त खाद्य पदार्थ
आयरन की कमी वाले एनीमिया वाले बच्चों और किशोरों पर शोध किया गया जिसमें पता चला की आयरन इस स्थिति वाले लोगों में प्लेटलेट काउंट बढ़ा सकता है।
प्लेटलेट्स बढ़ाने वाले फल - Fruits That Increase Platelet Count
फलों का सेवन करने से प्लेटलेट काउंट को बढ़ाया जा सकता है। यदि आपका प्लेटलेट काउंट सिर्फ थोड़ा ही कम है तो फल इसे बढ़ाने में मदद कर सकते है। आगे आप प्लेटलेट्स बढ़ाने वाले फल के बारे में जानेंगे।
१. आंवला
यह उन सभी स्वास्थ्य स्थितियों को रोकने में सक्षम है जो प्लेटलेट काउंट कम करते है आंवला विटामिन सी और एंटीऑक्सिडेंट से भरपूर होता है इसका सेवन आप जूस, मुरब्बा आदि रूप में कर सकते है।
२. पपीते का पत्ता
स्वाद में कड़वा लेकिन बहुत प्रभावी, इसमें फ्लेवोनोइड्स, अल्कलॉइड, फ्री रेडिकल जैसे एंटी-ऑक्सीडेंट होते है यह आरबीसी को स्थिर करने में मदद करता है। पपीते के पत्ते २४ घंटे में अपना असर दिखाना शुरू कर देते है।
३. अनार
अनार के बीज एंटी-इंफ्लेमेटरी, एंटी-ऑक्सीडेंट और इम्युनिटी-बूस्टिंग गुणों से युक्त होते हैं। अनार प्लेटलेट काउंट बढ़ाने वाला होता है इसे सलाद टॉपिंग, स्मूदी, जूस के रूप में ले सकते है।
४. जामुन
ब्लूबेरी, रास्पबेरी, ब्लैकबेरी, स्ट्रॉबेरी यह सभी एंटीऑक्सिडेंट से भरपूर होते हैं जो की प्लेटलेट काउंट बढ़ाने के लिए बेहतरीन हैं।
५. कीवी
कीवी में विटामिन सी और पोटैशियम उच्च मात्रा में होता है। डेंगू वाले मरीजों को कीवी खाना चाहिए यह शरीर में ऊर्जा का स्तर बनाये रखती है साथ ही प्लेटलेट काउंट को बढ़ाने का एक अच्छा फल है।
६. चुकंदर
एनीमिया के मरीज के लिए चुकंदर बहुत फायदेमंद होता है अगर आपको चुकंदर का स्वाद पसंद नहीं है तो इसे सीधा खाने की बजाय जूस, सलाद या स्मूदी के रूप में ले सकते है चुकंदर प्लेटलेट्स की संख्या में वृद्धि करने में मदद कर सकते हैं।
प्लेटलेट्स बढ़ाने की होम्योपैथिक दवा - Homeopathic Medicine to Increase Platelets in Hindi
प्लेटलेट्स बढ़ाने की होम्योपैथिक दवा बहुत लाभकारी होती है। आगे बताई गई होम्योपैथिक दवा का सेवन करके प्लेटलेट्स काउंट बढ़ाया जा सकता है।
- अरुम ट्राइफिलम - एक शोध में डेंगू के मरीज के ब्लड में प्लेटलेट्स की संख्या कम होने पर उन्हें अरुम ट्राइफिलम २००c का सेवन करवाया गया जिससे दो दिन में प्लेटलेट्स संख्या में बढ़ोतरी देखी गई।
- पेटेलिया २००c - प्लेटलेट्स की संख्या को बढ़ाने के लिए यह होम्योपैथिक दवा भी लाभदायक साबित हो सकती है। ५ दिन तक इसका लगातार सेवन प्लेटलेट्स संख्या को काफी तेजी से बढ़ा देता है।
- लाइकोपोडियम २००c - होम्योपैथिक की लाइकोपोडियम २००c ब्लड में प्लेटलेट्स की संख्या में वृद्धि करने में मदद करती है। इसके सेवन से पहले एक बार डॉक्टर से परामर्श कर लेना चाहिए।
- फेरम मेटालिकम २००c - प्लेटलेट्स को बढ़ाने के लिए यह दवा भी बहुत अच्छा काम करती है। फेरम मेटालिकम २००c मरीज में प्लेटलेट्स की स्थिति को सुधारने की अच्छी दवा है।
- पाइरोजेनम २००c - यह प्लेटलेट्स को तेजी से बढ़ाने में काफी फायदेमंद हो सकती है। पाइरोजेनम २००c के सेवन से प्लेटलेट्स काउंट को बढ़ाया जा सकता है।
प्लेटलेट्स बढ़ाने की एलोपैथिक दवा - Allopathic Medicine to Increase Platelets in Hindi
रोमिप्लोस्टिम इंजेक्शन प्लेटलेट्स बढ़ाने की एलोपैथिक दवा के रूप में कार्य करता है। यह इंजेक्शन प्लेटलेट्स की संख्या को बढ़ाने के लिए दिया जाता है, जो प्रतिरक्षा थ्रोम्बोसाइटोपेनिया आईटीपी, इडियोपैथिक थ्रोम्बोसाइटोपेनिक से ग्रसित है उनमें आसान चोट या रक्तस्राव का कारण बनता है।
निष्कर्ष :
जिन लोगों प्लेटलेट काउंट कम है उन्हें विशेष रूप से अपने खाने का ध्यान रखना चाहिए। फलों को अपने भोजन में शामिल करे। प्लेटलेट्स बढ़ाने के लिए क्या क्या खाएं यह पता होना आपके लिए बहुत जरुरी है। इसके बाद भी आपको कोई गंभीर समस्या लग रही है तो डॉक्टर को दिखाएँ।