पाइल्स जिसे बवासीर के नाम से भी जाना जाता है। पाइल्स होने का वैसे तो कोई स्पष्ट कारण नहीं है लेकिन शोधकर्ताओं का मानना है की यह कमजोर नसों की वजह से होता है। यह बीमारी महिलाओं और पुरुष दोनों को होती है।
बवासीर क्या होता है - What Is Piles?
इस बीमारी से ग्रसित व्यक्ति के गुदा के अंदर और बाहरी हिस्से में मलाशय के निचे सूजन जैसी समस्या हो जाती है। जिसमें से खून भी निकलता है और साथ ही दर्द भी बहुत होता है इससे गुदा के अंदर या बाहर मस्से निकल आते है।
मल त्याग के समय मस्से बाहर आने की सम्भावना ज्यादा होती है। जिससे की बैठने में भी दिक्क्त आती है। ६० प्रतिशत लोगों को उम्र के मोड़ पर इस समस्या का सामना करना ही पड़ता है। पुरुषों और महिलाओं दोनों को यह बीमारी हो सकती है ऐसा अनुमान है की हम में से लगभग ४ में से ३ व्यक्ति को कम से कम एक बार पाइल्स होता है।
बवासीर के लक्षण - Symptoms of Piles
बवासीर होने के निम्न लक्षण देखे जा सकते है। अगर यह लक्षण किसी व्यक्ति में नजर आते है तो बवासीर होने का अनुमान लगाया जा सकता है और डॉक्टर से सलाह ली जा सकती है। जानते है पाइल्स के लक्षण हिंदी में।
- गुदा के आसपास सूजन, खुजली या लालीपन होना।
- शौच के दौरान दर्द होना।
- एक तरह की दर्द से भरी गाँठ भी गुदा के चारों ओर होना।
- मल त्यागने के दौरान जलन होना व खून आना।
- शौच के समय म्यूकस का आना।
- मल त्यागने के दौरान अत्यधिक पीड़ा का सामना करना।
- शौच के बाद भी ऐसा महसूस होना की पेट साफ़ नहीं हुआ हो।
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बवासीर के लक्षण - Symptoms of Piles
वैसे तो यह जरुरी नहीं है की इसके लक्षण तुरंत ही दिखाई दे। लेकिन बवासीर के लक्षण में यह लक्षण शामिल हो सकते है।
- गुदा से मल का रिसना या बलगम आना।
- मल त्याग के समय रक्त का स्त्राव होना।
- कब्ज की अनुभूति होना।
- मल त्याग के बाद बैचेनी होना या दर्द होना।
पाइल्स के प्रकार हिंदी में - Types of Piles in Hindi
पाइल्स मुख्यतः दो प्रकार का होता है। क्या है इसके प्रकार यह आगे बताया गया है।
- खुनी बवासीर - इस बवासीर में किसी भी तरह का कष्ट नहीं होता है। लेकिन मल त्याग करने के दौरान खून आने जैसी तकलीफ होती है। यह बवासीर गुदा के अंदर स्थित होता है। इस प्रकार के बवासीर में गुदा के अंदर मस्से हो जाते है।
मल त्याग के बाद मस्से अपने आप ही अंदर भी चले जाते है। लेकिन अवस्था गंभीर हो जाने पर हाथ से दबाने के बाद भी यह अंदर नहीं जाते है। इस तरह बवासीर होने पर डॉक्टर से तुरंत परामर्श करना चाहिए।
- बादी बवासीर - इस बवासीर में पेट की तकलीफ ज्यादा होती है। कब्ज और गैस भी इसमें बना रहता है। बादी बवासीर में खून नहीं निकलता और इन मस्सों में खुजली व जलन भी होती हैं। इन मस्सों को बाहर भी देखा जा सकता है जब यह मस्से होते है तो शुरू में इनसे कुछ तकलीफ नहीं होती।
लेकिन खानपान अच्छा ना हो या कब्ज बना रहे तो बादी बवासीर के मस्से फूलने लगते है। इन मस्सों में सूजन हो जाती है और खून भी जमा हो जाता है। असहनीय पीड़ा के साथ इसमें दर्द भी होता है चलने में भी परेशानी होती है लेकिन इसका उपचार करवा लिया जाए तो यह ठीक हो जाता है।
पाइल्स के कारण - Causes of Piles
जब वात, पित्त और कफ यह तीनों दोष दूषित हो जाते है तब बवासीर होता है यही कारण है कि इसे त्रिदोष का नाम दिया गया है। चलिए जानते है बवासीर कैसे होता है
- जिन लोगों का काम ज्यादा देर तक खड़े होने का होता है उन्हें भी पाइल्स की बीमारी हो जाती है।
- यह बीमारी आनुवांशिक भी होती है परिवार में किसी को बवासीर होता है तो उस वजह से भी इस बीमारी के होने की सम्भावना रहती है।
- हृदय और लिवर से संबंधित बीमारी के ज्यादा समय तक रहने पर भी पाइल्स हो सकते है।
- शौच के समय जोर लगाना भी इसका कारण होता है।
- प्रसव के दौरान गुदा पर अत्यधिक प्रभाव पड़ने से बवासीर का खतरा बढ़ जाता है।
- लम्बे समय तक यदि कठोर कब्ज बना रहता है तो भी बवासीर की बीमारी हो सकती है।
- ज्यादा मिर्च मसाले तेल वाला भोजन करना भी इसका एक कारण होता है।
- कैंसर से पीड़ित व्यक्ति में भी इस बीमारी के होने की सम्भावना होती है।
- मूत्र मार्ग में रुकावट होना भी इसकी एक वजह है।
- मोटापा भी इसका एक कारण है।
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बवासीर के घरेलू इलाज - Home Remedies for Piles
इस बीमारी का घरेलू इलाज करके भी आप इससे निजात पा सकते है। कुछ ऐसे ही पाइल्स का इलाज हिंदी में नीचे बताये गये है।
- छाछ और जीरा - यह मिश्रण पेट में ठंडक देने का काम करता है और बवासीर की जलन को शांत करता है। छाछ में भुना हुआ जीरा मिलाकर पियें। १५ दिन तक लगातार पीने के बाद आपको इसका असर दिखाई देने लगेगा।
- एलोवेरा - दोनों तरह के पाइल्स को ठीक करने में एलोवेरा लाभदायक है। गुदा के बाहर होने वाले मस्सों पर एलोवेरा जेल लगाए। इससे जलन खुजली में आराम होगा। एलोवेरा के जेल को खाने से कब्ज नहीं होगा और मल त्यागने में आसानी होगी। एलोवरा का इस्तेमाल डॉक्टर की सलाह के बाद ही करे।
- हल्दी और नारियल तेल - हल्दी को नारियल तेल में मिलाकर लगाने से भी इस बीमारी में बहुत लाभ होता है। ३ चम्मच नारियल के तेल में १ चम्मच हल्दी मिला ले। अब इसे मस्सों पर लगाए कुछ ही दिनों में बवासीर खत्म हो जाएगा।
- अजवाइन - पाइल्स के इलाज के लिए अजवाइन किसी रामबाण औषधि से कम नहीं। एक चौथाई अजवाइन पाउडर को एक ग्लास छाछ में मिलाएं, इसमें आधा चम्मच काला नमक भी मिला ले। इसे दोपहर में भोजन के साथ पियें जल्द ही आपको आराम दिखाई देने लगेगा।
- बर्फ - ठंडक देने में आइस पैक सबसे बेहतरीन माना जाता है। जहाँ पर मस्से है या जलन हो रही है वहां आइस पैक से सिकाई करे। आपको ठंडक मिलेगी और बवासीर में आराम मिलेगा।
बवासीर एक ऐसी बीमारी है जिसे गंभीर रूप में लेना चाहिए। इसे बिल्कुल भी नजरअंदाज ना करे। परेशानी होने पर तुरंत डॉक्टर से संपर्क करे। पाइल्स क्या है हिंदी में आपने जाना, इसकी जानकारी मिलने के बाद आप सावधानी बरतने में ही विश्वास करे। यह बीमारी किसी बड़ी बीमारी के रूप में बदले उसके पहले ही इलाज करना बेहतर होता है।