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Triphala Churna Ke Fayde in Hindi | त्रिफला चूर्ण के फायदे, उपयोग एवं नुकसान

त्वचा की बीमारी, बालों की बीमारी में मिलते है त्रिफला चूर्ण के फायदे। जानिये कैसे खाएं त्रिफला चूर्ण।


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Triphala Churna Ke Fayde in Hindi | त्रिफला चूर्ण के फायदे, उपयोग एवं नुकसान

त्रिफला चूर्ण का उपयोग एक जड़ी बूटी के रूप में किया जाता है। यह शरीर के कई प्रकार के रोगों को ठीक करने का काम करती है। चाहे कैसी भी कब्ज हो त्रिफला चूर्ण के सेवन से वह जड़ से खत्म हो जाती है। अगर आप रोज त्रिफला चूर्ण का सेवन करते है तो कई तरह की बिमारियों से दूर रह सकते है।


त्रिफला क्या होता है - What Is Triphala in Hindi

त्रिफला तीन फलों से मिलकर बनता है। इन फलों में आते है आंवला (एम्ब्लिका ऑफिसिनैलिस), बिभीतकी या बहेड़ा (टर्मिनलिया बेलिरिका), हरीतकी या हरड़ (टर्मिनलिया चेबुला) त्रिफला नाम का मतलब होता है "तीन फल" (त्रि = तीन और फला = फल)। आयुर्वेद में त्रिफला का उपयोग शारीरिक स्वास्थ्य को ठीक रखने और जीवन शक्ति को बनाए रखने के लिए किया जाता है। यह बीमारियों को कम करने के लिए भी बहुत प्रभावी है।

त्रिफला चूर्ण को इन जड़ी बूटियों के मिश्रण से बनाया जाता है।

आंवला (एम्ब्लिका ऑफिसिनैलिस) - आंवला विटामिन सी का मुख्य स्त्रोत होता है। इसमें संक्रमण से लड़ने, अच्छे आंत स्वास्थ्य को बनाए रखने, कब्ज से बचने और एंटी-एजिंग के रूप में कार्य करने के गुण होते है। आंवला का उपयोग पुरे भारत में किया जाता है। रोगों को मिटाने के अलावा यह भारतीय व्यंजन में भी इस्तेमाल होता है। आंवले का मुरब्बा, कैंडी और सुपारी बनाकर इसे खाते है। आंवला खनिजों से भरपूर होता है। इसमें एंटीऑक्सिडेंट, फाइबर, खनिज भी अच्छी मात्रा में पाए जाते है।

बहेड़ा (टर्मिनलिया बेलिरिका) - यह पूरे भारतीय उपमहाद्वीप में पाया जाने वाला पौधा है। बहेड़ा के फल में बहुत सारे जैविक यौगिक जैसे: ग्लूकोसाइड, गैलिक एसिड, एथिल गैलेट, टैनिन आदि पाए जाते है।  आयुर्वेद में एक त्रिफला चूर्ण का ज्वरनाशक, एंटीऑक्सिडेंट, श्वसन समस्याओं, हेपेटोप्रोटेक्टिव (यकृत के लिए अच्छा) का उपचार करने के लिए प्रयोग किया जाता है।

हरड़ (टर्मिनलिया चेबुला) - यह आयुर्वेद की सबसे मुख्य जड़ी-बूटी में से एक है। इसे पेट, लीवर, हृदय और मूत्राशय के स्वास्थ्य को बनाये रखने में प्रयोग किया जाता है। इसमें एंटी-एजिंग, एंटी इंफ्लेमेटरी और एंटीऑक्सिडेंट के गुण होते हैं।

त्रिफला चूर्ण के फायदे - Triphala Churna Ke Fayde in Hindi

१. चर्म रोग

त्रिफला चर्म रोग की समस्याओं को खत्म कर उन्हें पूरी तरह से ठीक कर देता है। अगर किसी को  दाद, फोड़े-फुन्सी, खाज, खुजली है तो इसे ठीक करने के लिए ६ से ८ ग्राम त्रिफला चूर्ण का रोज सेवन करे इससे लाभ होता है त्रिफला बेहद प्रभावशाली है।  


२. आंखों के लिए

ग्लूकोमा और मोतियाबिंद की बिमारियों के लक्षणों को कम करने में त्रिफला फायदेमंद है। अपनी कमजोर दृष्टि में सुधार पाने के लिए त्रिफला का नियमित रूप से सेवन करें। यह कमजोर दृष्टि में सुधार कर दृष्टि को तेज बनाता है। त्रिफला घृत नामक आयुर्वेदिक दवा को आंखों की सबसे अच्छी दवाओं में गिना जाता है। आंखों के लिए त्रिफला के कई लाभकारी प्रभाव है।


३. गठिया विरोधी के रूप में

त्रिफला में  एंटीऑक्सीडेंट और एंटी इंफ्लेमेटरी गुण पाए जाते है। इन गुणों के कारण गठिया से संबंधित लक्षणों को कम करने में मदद मिलती है।


४. दांतों के लिए

त्रिफला के एंटी इंफ्लेमेटरी, एंटीऑक्सिडेंट और रोगाणुरोधी गुण दातों से जुड़ी समस्या को कम करते है। अगर आपके दांत स्वस्थ्य होंगे तो दांत स्वस्थ शरीर को बनाये रखने में मदद मिलेगी। त्रिफला मसूड़ों की सूजन को ठीक करता है, दांतों में प्लाक बिल्डअप को धीमा करने में भी त्रिफला बहुत प्रभावी है।

५. रोग प्रतिरोधक क्षमता बढ़ाएं  

अगर शरीर की रोग प्रतिरोधक क्षमता अच्छी होती है तो बिमारियों को जल्दी ठीक होने में मदद मिलती है। त्रिफला रोग प्रतिरोधक क्षमता बढ़ाती है। अगर आपको कमजोरी रहती है तो इसका सेवन करे इससे शरीर को बिमारियों से लड़ने की शक्ति मिलेगी। लेकिन इसके लिए वर्षों तक इसका सेवन करना होता है तब इसके यह लाभ मिलते है।


६. ब्लड प्रेशर नियंत्रण

ब्लड प्रेशर से संबंधित समस्या वाले लोगों को इसका सेवन जरूर करना चाहिए त्रिफला का सेवन सूजन को कम करने में मदद प्रदान करता है नमक के संपर्क में रहने वाली ब्लड वेसल्स ज्यादातर सीकुड़ जाती है। इसकी वजह से खून का बहाव तेज हो जाता है। त्रिफला का सेवन सूजन कम करता है और ब्लड प्रेशर को सामान्य बनाए रखता है।


७.  कब्ज में सुधार

अगर आपकी आंत स्वस्थ और साफ है तो इससे बीमारियां नहीं होगी और शरीर को सेहतमंद बनाये रखने में भी मदद मिलेगी। जिन लोगों का यदि पाचन अच्छा नहीं होता है उनकी आंतों के मार्ग को अवरुद्ध उत्पन्न होता है। लम्बे समय तक कब्ज रहने से शरीर में विषाक्त पदार्थ जमा हो जाते है त्रिफला का सेवन मल त्याग को नियमित और आसान बनाता है  इसके साथ ही शरीर की आंतों की मांसपेशियों को मजबूत भी करता है यदि रोज इसे पानी के साथ लिया जाये तो पेट फूलना, कब्ज और पेट दर्द को कम किया जा सकता है।


८. मुंह से संबंधित समस्या

किसी भी प्रकार की मुंह से संबंधित समस्या में एक ग्लास पानी लेकर उसमें एक चम्मच त्रिफला को २ घंटे तक भिगो दें अब इसका एक घूंट पानी मुंह में लें इसे थोड़ी देर मुंह में घुमाएं और थूक दे ३-४ बार इसे दोहराएं इससे मुंह से संबंधित समस्याएं दूर होगी।


९. रोगाणुरोधी के रूप में

त्रिफला एक रोगाणुरोधी के रूप में कार्य करता है। इसमें रोगाणुरोधी और जीवाणुरोधी दोनों प्रकार की क्षमता होती है। एक शोध के अनुसार यह पाया गया की त्रिफला के एथेनॉलिक अर्क एचआईवी के मरीजों में बीमारी पैदा करने वाले जीवाणुओं के खिलाफ कार्य करते है।


१०. मूत्र मार्ग के संक्रमण को रोकने में

शरीर में ऐसे बैक्टीरिया भी होते है जिन्हें खत्म करना इतना आसान नहीं होता है यहाँ तक की दवाई भी काम नहीं आती। अगर ऐसी स्थिति रहती है तो इससे व्यक्ति के बीमार होने के चांस और भी ज्यादा रहते है। मूत्र मार्ग में हुए इंफेक्शन बैक्टीरिया की वजह से हो जाते है। जिसके परिणामस्वरूप ब्लैडर में सूजन भी आ जाती है। इस तरह के बैक्टीरिया को मारने के लिए त्रिफला का सेवन करें।


११. कैंसर विरोधी गुण के रूप में

प्रोस्टेट कैंसर पर किये गए अध्ययन के अनुसार सामने आया है कि त्रिफला में पाए जाने वाले गैलिक एसिड कैंसर विरोधी गतिविधि के लिए जिम्मेदार होते है। त्रिफला कई तरह के कैंसर लक्षणों को कम करता है। यह शरीर में कोलन कैंसर कोशिकाओं के विकास को बढ़ने से रोकता है और कैंसर कोशिकाओं को खत्म करता है। त्रिफला से शरीर की सामान्य कोशिकाओं पर कोई प्रभाव नहीं पड़ता यह उन्हें प्रभावित किये बिना कैंसर कोशिकाओं को मारता है।


१२. गैस्ट्रिक छालों को ठीक करने में

जब पेट का एसिड वातावरण खराब होता है तब पेट में जलन सी लगने लगती है। जिसकी वजह से गैस्ट्रिक छालें हो जाते हैं। त्रिफला में ३ तरह के एंजाइम होते है। यह एंजाइम गैस्ट्रिक छालें में सुधार करते है। त्रिफला गैस्ट्रिक छालों को ठीक करती है और श्लेष्मा झिल्ली को भी मजबूत बनाती है।


१३. सिर दर्द की समस्या में  

यदि किसी को सिर दर्द है तो इससे छुटकारा पाने के लिए आपको एक मिश्रण तैयार करना होगा। इसे इस तरह से बनाये नीम के अंदर की छाल, चिरायता, हल्दी, गिलोय और त्रिफला को मिला कर एक मिश्रण तैयार कर लें। अब इस मिश्रण को आधा किलो पानी में अच्छे से पका लें जब तक यह २५० ग्राम की मात्रा जितना रह जाने तक इसे पकाएं। इस मिश्रण को छान लें आपको सुबह-शाम इसका सेवन करना है। गुड़ या शक्कर मिलाकर कुछ दिनों तक इसका सेवन करने से लाभ होगा।


१४. त्वचा में सुधार

त्रिफला को चेहरे पर भी लगाया जा सकता है। इससे त्वचा की गुणवत्ता में सुधार होता है। एंटीऑक्सीडेंट गुण और एंटी इंफ्लेमेटरी गुण होने के कारण त्वचा की समस्याओं को ठीक करने में मदद मिलती है। त्वचा की कोशिकाओं की रक्षा करने में भी मदद करते है। आप त्रिफला का पेस्ट बनाकर त्वचा पर लगा सकते है। इससे कोलेजन का निर्माण बढ़ता है, त्वचा से रूखापन खत्म हो जाता है और नमी बनी रहती है, त्वचा के प्रोटीन के पुनर्निर्माण में भी मदद मिलती है। साथ ही किसी भी तरह का घाव जल्दी ठीक हो जाता है।

बालों के लिए त्रिफला के फायदे - Triphala Benefits for Hair in Hindi

अगर आप मजबूत और सुन्दर बाल पाना चाहते है तो त्रिफला का उपयोग करें जाने बालों के लिए त्रिफला के फायदे

त्रिफल खोपड़ी में रक्त के प्रवाह को तेज कर देता है। रक्त का प्रवाह तेज होने से पोषक तत्व और खनिज को अधिक प्रभावी ढंग से अवशोषित करने में मदद मिलती है। बालों के लाभ प्राप्त करने के लिए त्रिफला का तेल या त्रिफला का पेस्ट सिर पर लगाया जा सकता है।

त्रिफला में एंटीऑक्सिडेंट गुण होते है। यह गुण बालों के स्वास्थ्य के लिए बहुत अच्छा है। यह बालों को प्रदुषण और अन्य हानिकारक तत्वों के प्रभाव से बचाता है। इसमें आंवले की उपस्थिति समय से पहले हो रहे सफ़ेद बालों को रोकने में मदद करती है धीरे -धीरे सफ़ेद बाल काले भी होने लगते है। बहेड़ा बालों की जड़ो को मजबूत बनाने का कार्य करता है जिससे बाल झड़ने से रोकने में मदद मिलती है और बाल कम टूटते है।

वजन घटाने के लिए त्रिफला - Triphala for Weight Loss in Hindi

वजन कम करने के लिए त्रिफला का सेवन करें आइये जाने वजन घटाने के लिए त्रिफला कैसे लें।

जो लोग अपना वजन घटाना चाहते है उन्हें त्रिफला का सेवन करना चाहिए। त्रिफला का नियमित सेवन वजन घटाने के लिए उत्कृष्ट है। जब वजन घटाने के लिए त्रिफला के लाभों का परीक्षण किया गया तो इसमें १६ से ६० वर्ष की आयु के मोटे लोगों के दो समूह बनाये गए।

एक समूह को ५ ग्राम त्रिफला दिन में दो बार १२ सप्ताह की अवधि तक दिया गया था। दूसरे समूह को एक प्लेसबो दिया गया था। इसके अनुसार यह पाया गया था कि त्रिफला का सेवन करने वाले समूह ने शरीर के वजन को कम करने में मदद की। वजन घटाने के लिए त्रिफला का एक प्रभावी उपाय है।

मधुमेह के लिए त्रिफला - Triphala for Diabetes in Hindi

इससे ब्लड शुगर लेवल नियंत्रित रहता है। मधुमेह को कम करने के लिए त्रिफला का नियमित सेवन रक्त शर्करा के स्तर को कम करता है। त्रिफला शरीर में एक शक्तिशाली हाइपोग्लाइसेमिक (शर्करा को कम) करने वाला होता है। अध्ययनों के परिणाम के आधार पर त्रिफला इंसुलिन से दो प्रमुख एंजाइमों अल्फा-एमाइलेज और अल्फा-ग्लूकोसिडेज के स्राव को रोकता है और एंटीडायबिटिक दवाओं की तरह काम करता है।

इन एंजाइमो को बड़े शर्करा यौगिकों के ग्लूकोज में टूटने के लिए जिम्मेदार ठहराया जाता है। एंजाइमों का निषेध करने पर यह ग्लूकोज के गठन और इसके बाद के रक्त में रिलीज को रोक देगा।

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त्रिफला चूर्ण के नुकसान - Triphala Churna Side Effects in Hindi

स्वस्थ व्यक्ति का लम्बे समय तक त्रिफला का सेवन करना सुरक्षित माना जाता है। लेकिन कुछ मामलों में त्रिफला चूर्ण के साइड इफेक्ट भी हो सकते है। अगर आप त्रिफला को अपने आहार में शामिल कर रहे है तो उसके पहले कुछ बातों पर ध्यान रखे। त्रिफला चूर्ण के नुकसान जानते है।

  • जो महिलाएं गर्भवती है और स्तनपान करा रही है उन्हें भी इसके सेवन से बचना चाहिए क्योंकि त्रिफला की सुरक्षा का कोई वैज्ञानिक प्रमाण नहीं है।
  • बच्चों को त्रिफला नहीं देना चाहिए।
  • कुछ लोगों में देखा गया है की त्रिफला लेने के बाद उन्हें नींद की शिकायत हो जाती है।
  • यदि आप पहले से किसी बीमारी की दवाओं का सेवन कर रहे है तो इसका सेवन करने के पहले आयुर्वेद चिकित्सक से जरूर पूछ लें।
  • त्रिफला की अधिक मात्रा से दस्त और पेचिश की समस्या हो सकती है। यह एक प्राकृतिक रेचक है।

त्रिफला चूर्ण की खुराक -  Triphala Churna Dosage in Hindi

त्रिफला कैप्सूल, सिरप और टैबलेट के लिए आप एक उचित खुराक निर्धारित करें।

खाली पेट या भोजन के बाद आधा चम्मच त्रिफला चूर्ण दिन में एक बार ले सकते है। त्रिफला चूर्ण घी या शहद या पानी के साथ दिन में दो बार लिया जा सकता है।

आयुर्वेदिक डॉक्टरों का सुझाव है की वयस्कों को प्रतिदिन २ चम्मच से अधिक  सेवन नहीं करना चाहिए।

रात में त्रिफला चूर्ण कैसे लें -  How to Take Triphala Churna at Night in Hindi

आधा या एक चम्मच इसे मुँह में रखकर ऊपर से गुनगुना पानी पी लें।

निष्कर्ष :

अनेकों रोगों को मिटाने के लिए इसका नियमित सेवन करे। यह शरीर की कई तरह की बिमारियों से रक्षा करने का कार्य करती है। इसका मुख्य रूप से कब्ज को खत्म करने में प्रयोग किया जाता है।



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