Hichki Kyu Aati Hai in Hindi | जानिए हिचकी क्यों आती है और हिचकी कैसे दूर करें!
हिचकी हर व्यक्ति को आती है। यह कुछ देर में अपने आप बंद भी हो जाती है। लेकिन कभी-कभी यह कष्टप्रद हो सकती है। क्योंकि कुछ लोगों को यह लगातार बनी रहती है। जिससे उन्हें परेशानी का सामना करना पड़ सकता है और कभी तो चीड़ भी आने लगती है। लेकिन हिचकी आने की वजह क्या है यह जानना जरुरी है।
हिचकी क्यों आती है?
मांसपेशी में संकुचन के कारण हिचकी आती है। डायफ्राम मांसपेशी हमें श्वास लेने में और छोड़ने में मदद करती है। इस मांसपेशी पर दबाव पड़ता है तो स्वरयंत्र बंद हो जाता है और हिचकी आने लग जाती है।
लेकिन ऐसा क्यों होता है क्या है हिचकी आने का कारण जानिए आगे।
1) ज्यादा या बहुत जल्दी खाना -
जब हम एक साथ ज्यादा खा लेते है या खाना जल्दी - जल्दी खाते है तो हिचकी आना शुरू हो जाती है। इसलिए आराम से चबा चबाकर खाना खाएं और एक समय में ज्यादा खाने से बचे।
2) तनाव -
हिचकी आने का एक कारण तनाव भी है। जब कभी हम तनाव में होते है तो अपने आप ही हिचकी आने लगती है। इसलिए ज्यादा तनाव ना लें और खुश रहने की कोशिश करे।
3) घबराहट या उत्साहित महसूस करना -
आपके साथ भी ऐसा हुआ होगा की कभी एकदम घबरा जाने से हिचकी आने लग गई हो या अचानक उत्साहित होने पर हिचकी आने लगी हो। इस वजह से भी ऐसा होता है।
4) तापमान में बदलाव -
तापमान में आया हुआ बदलाव भी हिचकी का कारण है। जब हम ठंडे तापमान से गरम और गरम तापमान से ठंडे तापमान में जाते है तब भी ऐसा होता है।
5) कार्बोनेटेड पेय या शराब -
बहुत अधिक शराब पीना या कार्बोनेटेड पेय से भी हिचकी आने लगती है। अगर आप भी इनका सेवन करते है तो इसे बंद कर दे।
6) गर्दन को अधिक स्ट्रेच करना -
कुछ लोग गर्दन को ज्यादा स्ट्रेच कर लेते है। इस वजह से भी हिचकी की परेशानी होना शुरू हो जाती है। जैसे कि शेविंग करते समय या एक्सरसाइज के दौरान।
7) बहुत गर्म या बहुत ठंडा पेय -
ज्यादा ठंडा या ज्यादा गर्म पेय पदार्थ पीने से गले में झनझनाहट महसूस होने लगती है और यह हिचकी का कारण बनती है।
8) कैंडी या च्युइंग गम खाते समय -
कैंडी या च्युइंग गम चूसते समय हवा निगलने की वजह से हिचकी चलना शुरू हो जाती है। इसलिए ज्यादा च्युइंग गम ना खाएं यह सेहत के लिए भी हानिकारक है।
9) दवाएं -
कुछ दवाएं भी ऐसी होती है जो हिचकी का कारण बनती है। अगर आपको हिचकी बनी हुई है और आप किसी तरह की दवाओं का सेवन करते है तो आपको उस पर ध्यान देना चाहिए।
10) जहरीले धुएं को अंदर लेना -
सांस लेने के दौरान या कुछ खाने के दौरान किसी जहरीले धुएं को अंदर ले लिया गया हो तब भी ऐसा होता है।
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हिचकी रोकने का उपाय
यहाँ आपको कुछ उपाय बताये जा रहे है जिन्हें करके आप हिचकी को बंद कर सकते है। यह है हिचकी रोकने का उपाय।
1) सांस को रोके - थोड़ी देर के लिए सांस को रोककर रखें। ऐसा करने से कार्बन डाइऑक्साइड के स्तर को बढ़ाने में मदद मिलती है। १०-१५ सेकंड तक सांस रोके इससे आराम मिलेगा।
2) दानेदार चीनी निगले - थोड़ी सी दानेदार चीनी को अपने मुंह में रखे या निगले।
3) पेपर बैग में सांस लें - पेपर बैग में धीरे-धीरे सांस लें। इससे फेफड़ों में कार्बन डाइऑक्साइड बढ़ जाती है। जिससे डायफ्राम शिथिल हो जाता है।
4)र्फ चुसे - बर्फ का टुकड़ा चूसे इससे भी हिचकी रोकने में मदद मिलेगी।
5) बर्फ के पानी से गरारे - बर्फ के पानी से गरारे करना भी हिचकी रोकने में काम आता है। एक मिनट के लिए बर्फ के पानी से गरार करें। ठंडा पानी डायाफ्राम में किसी भी जलन को शांत करने में मदद करता है।
6) नींबू या सिरके - निम्बू या सिरका पीने से भी हिचकी बंद हो जाती है। एक कप पानी में एक चम्मच सिरका मिलाये या एक चम्मच निम्बू रस मिलाएं और इसे पियें।
7) आंखों की पुतलियों को मलें - अपनी आंखों की पुतलियों को धीरे से मलें। ज्यादा जोर से नहीं मलना है बिल्कुल हल्के हाथ से।
8) गैगिंग - अपने गले के नीचे एक उंगली चिपकाये। यह भी एक उपाय है हिचकी रोकने का।
9) घुटनों को छाती तक खींचें - घुटनों को छाती तक लाएं और आगे की ओर झुकें। २ से ३ मिनट तक ऐसा करें।
10) कोल्ड कंप्रेस - चेहरे पर कोल्ड कंप्रेस रखें आपको आराम मिलेगा।
11) जीभ धीरे से खींचे - अपनी जीभ को धीरे से बाहर की तरफ खींचे।
12) मन का भटकाव - अपने मन को विचलित करने की कोशिश करे। ध्यान को कहीं और लगाए।
निष्कर्ष
हिचकी शुरू में सामान्य लग सकती है। लेकिन ४८ घंटे से अधिक समय तक बनी रहे तो यह परेशानी का कारण बन जाती है। अगर आपको भी ज्यादा परेशानी हो रही है तो डॉक्टर से जरूर संपर्क करे।