पुरुषों में किशोरावस्था के दौरान बहुत से परिवर्तन होते है। उन्हीं में से एक बदलाव है शरीर के द्वारा वीर्य का उत्पादन होना। प्रजनन के लिए वीर्य आवश्यक होता है। जिससे की संतान की उत्पत्ति होती है। किसी बच्चे के जन्म के लिए वीर्य सबसे महत्वपूर्ण है लेकिन यह कैसे बनता है और इसके अन्य क्या - क्या महत्व है यह जानना बहुत जरुरी है।
सीमेन मीनिंग - Semen Meaning in Hindi
वीर्य एक तरह का तरल पदार्थ है। यह पुरुषों के लिंग से निकलता है। यह तब निकलता है जब उसे ऑर्गेज्म (स्खलन) होता है। यानि की यौन क्रिया के दौरान स्खलन करते समय यह निकलता है। वीर्य द्रव में शुक्राणु कोशिकाएं होती हैं। यह मादा के अंडों को निषेचित करने में सक्षम होती हैं। यह किसी पुरुष के शरीर से शुक्राणु को बाहर निकालता है जिससे की यह एक अंडे को निषेचित कर सके और एक भ्रूण बना सके।
स्खलन के दौरान बहुत सारे शुक्राणु बाहर आते है। वीर्य को उपयोगी होने के लिए ४० लाख शुक्राणुओं की आवश्यकता पड़ती है। एक बार में २ से ३ करोड़ शुक्राणु बाहर आते है जो की एक आम बात है। पर्याप्त शुक्राणु होने के बाद भी प्रजनन के लिए शुक्राणु का पूर्ण विकसित होना और अच्छा तैराक होना ज़रूरी है। स्खलन के समय २५% शुक्राणु मृत होते हैं।
वीर्य में यह सब शामिल है:
शुक्राणु: यह पुरुष प्रजनन कोशिकाएं है जो कोशिकाओं का एक अनूठा आकार होता है इसमें आते है।
- पूंछ - यह किसी महिला के प्रजनन तंत्र के माध्यम से अंडे तक पहुंचने और उसे निषेचित करने का काम करती हैं।
- सिर - इसमें महिला के अंडे को निषेचित करने के लिए डीएनए शामिल होता है।
तरल पदार्थ: तरल पदार्थ महिला की योनि के पीछे शुक्राणु जमा करने का कार्य करता है। यह क्षेत्र गर्भाशय ग्रीवा के नजदीक होता है जहां बच्चे विकसित होते हैं।
प्रोटीन, विटामिन और खनिज: यह शुक्राणु के अंडे तक जाने में मदद करते हैं।
शुक्राणु और वीर्य में क्या अंतर है - What Is the Difference Between Sperm & Semen
- शुक्राणु वीर्य का ही एक हिस्सा है, लेकिन वीर्य शुक्राणु का हिस्सा नहीं है। वीर्य जिसे स्खलन या सह भी कहा जाता है जो स्खलन के दौरान लिंग से निकलता है।
- शुक्राणु का उद्देश्य मादा अंडे को निषेचित करना है और वीर्य शुक्राणुओं को अंडाशय तक पहुंचने में मदद करने का कार्य करता है।
- शुक्राणु पुरुष प्रजनन कोशिकाएं होती हैं और वीर्य का सिर्फ एक घटक हैं।
- शुक्राणु का सिर एक अंडाकार आकार की तरह होता है और एक लंबी पूंछ होती है। यह एक सूक्ष्म पुरुष प्रजनन कोशिका है। शुक्राणु को तरल पदार्थ के मिश्रण द्वारा मादा अंडे के पास ले जाया जाता है जो शुक्राणु को अंडे तक पहुंचने में मदद करता है। यह तरल पदार्थ वीर्य होता है।
- वीर्य द्रव एक कार्बनिक द्रव है जो शुक्राणु को पुरुष प्रजनन पथ से महिला प्रजनन पथ तक ले जाने के लिए बनाया गया है।
- वीर्य में पाए जाने वाले पोषक तत्व शुक्राणु को जीवित रहने में मदद करते हैं और उन्हें अंडाशय या मादा अंडे के रास्ते में तैरने के लिए तरल पदार्थ भी देते हैं।
- स्खलन के दौरान जो वीर्य निकलता है उसकी औसत मात्रा २ से ५ मिली के बीच होती है और औसत स्खलन में लगभग १५ मिलियन से २०० मिलियन शुक्राणु होते हैं।
- पुरुष अपने जीवन काल में शुक्राणु पैदा कर सकते हैं। एक अध्ययन के अनुसार ५२ वर्ष से अधिक आयु के पुरुष द्वारा जो शुक्राणु उत्पादित होते है उनके असामान्य होने की संभावना किसी कम उम्र के पुरुषों के शुक्राणुओं की तुलना में अधिक होती है। पुरुषों में वीर्य का उत्पादन २० के दशक में सबसे ज्यादा होता है २० के दशक के बाद उत्पादन घट सकता है।
क्या है सीमेन एनालिसिस टेस्ट - What Is Semen Analysis in Hindi?
सीमेन एनालिसिस टेस्ट में पुरुष के शुक्राणु और वीर्य का टेस्ट होता है। जिसे शुक्राणुओं की संख्या या पुरुष प्रजनन परीक्षण के नाम से भी जानते है। इस टेस्ट के रिजल्ट में यह पता चलता है की कितने शुक्राणु निकलते हैं। वह किस तरह का आकार लेते है और कितनी बेहतर तरह से चलते है यानि की उनके कार्य करने का पूरा तरीका।
अगर किसी महिला को गर्भवती होने में परेशानी आ रही होती है तो डॉक्टर सबसे पहले वीर्य टेस्ट के बारे में पूछते है। बांझपन के मामलों में पुरुष प्रजनन क्षमता के मुद्दे की भी आधी भूमिका होती हैं। पुरुष बांझपन अक्सर कम शुक्राणु का उत्पादन होने की वजह से होता है ।
वीर्य विश्लेषण की आवश्यकता यह सुनिश्चित करने के लिए भी होती है की एक पुरुष नसबंदी (गर्भावस्था को रोकने की एक प्रक्रिया) सफल हुई है या नहीं। यह टेस्ट सर्जरी के ८ से १६ सप्ताह बाद किया जाता है। जिसका उद्देश्य होता है कि क्या आप अभी भी स्वस्थ शुक्राणु बना रहे हैं।
वीर्य का परीक्षण करने के लिए :
- इसके लिए क्लिनिक या हॉस्पिटल जाना होगा। वहां जिस रूम में यह टेस्ट किया जाता है उस कमरे में एक संग्रह कप में स्खलन करने के लिए कहा जाएगा।
- घर पर भी नमूना एकत्र कर सकते हैं। घर पर कर रहे है तो इसे कमरे के तापमान पर रखना होगा और १ घंटे के अंदर अपने डॉक्टर के पास या लैब में ले जाना होगा।
- नमूना एकत्र कर रहे है तब स्नेहक का उपयोग नहीं करना चाहिए क्योंकि उसका प्रभाव इस पर पड़ता है कि आपके शुक्राणु कितनी आसानी से घूम सकते हैं।
- घरेलू परीक्षण का परिणाम प्रजनन क्षमता की गारंटी नहीं देता है।
वीर्य परीक्षण के लिए नमूना देने से पहले कुछ बातों का ध्यान रखना चाहिए। वीर्य विश्लेषण की तैयारी करके जाएँ।
- डॉक्टर आपको कहेंगे की परीक्षण से पहले २ से ५ दिनों तक सेक्स या हस्तमैथुन नहीं करें। जिससे की यह सुनिश्चित होगा की शुक्राणुओं की संख्या अधिक होगी।
- टेस्ट से पहले २ सप्ताह से ज्यादा समय के लिए स्खलन से बचना चाहिए क्योंकि इसका परिणाम शुक्राणु के नमूने पर पड़ सकता है जो कम सक्रिय हो सकता हैं।
- सीमेन एनालिसिस टेस्ट से पहले शराब का सेवन ना करे।
- अगर आप किसी तरह की दवा या हर्बल सप्लीमेंट ले रहे है तो अपने डॉक्टर को बताएं।
वीर्य की गंध और स्वाद क्या है? - What Is the Smell and Taste of Semen in Hindi?
प्रत्येक पुरुष के वीर्य का स्वाद भिन्न होता है। कई तरल पदार्थ शुक्राणु के साथ मिलकर वीर्य का निर्माण करते है। प्रत्येक तरल पदार्थ अलग-अलग रसायनों को जोड़ता है और प्रभावित करता है कि वीर्य का स्वाद कैसा हो सकता है।
आप रोज क्या खाते है, कुछ खाद्य पदार्थों से लेकर अन्य पदार्थों तक इन सबका वीर्य के स्वाद पर सूक्ष्म प्रभाव पड़ता है। आमतौर पर वीर्य की गंध क्लोरीन जैसी और स्वाद गर्म और नमकीन होता है। आहार में ज्यादा फलों का सेवन करने से वीर्य की प्राकृतिक कड़वाहट कम होती है और यह शारीरिक स्वास्थ्य को भी बढ़ा सकते हैं।
कुछ लोगों का मानना है कि खट्टे फल और अनानास का सेवन करने से वीर्य के स्वाद में सुधार हो सकता हैं। खाद्य पदार्थ जिनसे तेज गंध आती हैं जैसे: ब्रोकोली और फूलगोभी वीर्य का स्वाद या गंध खराब कर सकते हैं।
स्खलन की मात्रा क्या है? - What Is the Volume Ejaculated in Hindi?
विश्व स्वास्थ्य संगठन के अनुसार, वीर्य की औसत मात्रा ३.७ मिलीलीटर होती है और अधिकांश पुरुषों में वीर्य की मात्रा १.५ से ६.५ होती है।
हर बार पुरुष जब भी स्खलन करते हैं तो औसतन १.२५ से ५ मिली वीर्य निकालते हैं। जो की लगभग १/४ से १ चम्मच है।
व्यक्ति के स्खलन करनी की मात्रा यह प्रभावित करती है की वह कितनी दूर जा (तैर) सकता है।
वीर्य का रंग क्या दर्शाता है? - What Does Semen Color Indicate in Hindi?
स्वस्थ वीर्य का रंग सफेद या सफेद भूरे रंग का होता है। अगर आपके वीर्य का रंग बदल गया है, तो आप सोच सकते हैं कि कहीं आपके स्वास्थ्य में तो कुछ गड़बड़ तो नहीं है। वैसे तो पीला वीर्य का होना चिंता की बात नहीं है, लेकिन यह एक अंतर्निहित चिकित्सा स्थिति का संकेत भी हो सकता है।
वीर्य आमतौर पर जेली जैसी बनावट के साथ सफेद-भूरे रंग का होता है। वीर्य आपके जीन, आहार और समग्र स्वास्थ्य पर निर्भर करता है। जिसके आधार पर थोड़ा भिन्न हो सकता है। जब तक आप किसी अन्य सामान्य लक्षणों को महसूस नहीं कर रहे हैं, तब तक रंग में अस्थायी परिवर्तन चिंता का कारण नहीं हैं लेकिन वीर्य के रंग में परिवर्तन होना अस्थायी और हानिरहित हो सकता है।
लाल वीर्य होना प्रोस्टेट या वीर्य पैदा करने में मदद करने वाली ग्रंथियों में होने वाली सूजन के कारण हो सकता है। जबकि लाल वीर्य खतरनाक हो सकता है।
पीला या हरा वीर्य का होना किसी संक्रमण की वजह से , पीलिया होना या वीर्य में विटामिन या दवा की उपस्थिति के कारण हो सकता है।
निष्कर्ष :
वीर्य की किसी पुरुष के शरीर में क्या भूमिका होती है यह आपने जाना। वीर्य प्रजनन के लिए आवश्यक है। इसलिए उसका स्वस्थ होना जरुरी है। पुरुषों को अपने आहार में ऐसे पौष्टिक तत्व खाने चाहिए जो उनके वीर्य को स्वस्थ रख सके। यह प्रजनन और पुरुषों स्वास्थ दोनों के लिए जरुरी है।