Safed Musli Ke Fayde in Hindi | सफेद मूसली के फायदे व खाने की विधि
आयुर्वेद में कई प्रकार की बिमारियों का इलाज करने के लिए सफ़ेद मुसली इस्तेमाल की जाती है। स्वास्थ्य समस्याओं को दूर करने में यह उपयोग में लायी जाती है। बीमारियां खत्म करना हो या सेक्स क्षमता बढ़ाना हो इसमें सफेद मूसली फायदा पहुँचाती है।
सफेद मूसली क्या है? - (What Is Safed Musli in Hindi?)
यह दिखने में पतली सफ़ेद जड़ जैसी होती है। इसके फूल भी सफ़ेद रंग के होते है यही वजह है की इसका नाम सफ़ेद मूसली है। इसके इतने फायदे है की यह पुरे देश में पायी जाती है। देश में सभी दूर इसकी खेती की जाती है। बारिश के समय यह अपने आप ही जंगलो में उग जाती है।
सफ़ेद मूसली में सेपोनिन और सेपोजिनिन नाम के तत्व पाए जाते है। यह एक औषधीय पौधा है जिसकी लम्बाई ४० से ५० सेंटीमीटर तक की होती है। जो इलाकें गर्म होते है वहां इसकी खेती की जाती है जहाँ पुरे साल बारिश ६० से ११५ सेंटीमीटर होती हो।
सफ़ेद मूसली की खेती की जाने वाले राज्यों में शामिल है। हिमाचल प्रदेश, मध्य प्रदेश, गुजरात, पंजाब, तमिलनाडु, केरल, उत्तराखंड, महाराष्ट्र, बिहार, राजस्थान, ओडिशा, छत्तीसगढ़, उत्तर प्रदेश व वेस्ट बंगाल।
सफेद मूसली के फायदे (Benefits of Safed Musli in Hindi)
सफ़ेद मुसली बहुत से रोगों का उपचार करने के काम आती है। आप भी अगर इसका सेवन करते है तो कई प्रकार के स्वास्थ्य लाभ प्राप्त कर सकेंगे। जानिए सफेद मूसली के फायदे।
1) नपुंसकता में:
यह नपुंसकता को दूर करती है और वीर्य का उत्पादन कर वीर्य की गुणवत्ता सुधारने में सहायक होती है। एक से डेढ़ चम्मच मूसली पाक को गाय के दूध में मिलाकर दिन में २ बार पीना चाहिए। नपुंसकता का खतरा खत्म हो जाता है।
2) इम्युनिटी बूस्टर:
इम्युनिटी को बढ़ाकर रोगों से लड़ने की शक्ति प्रदान करती है। रोग प्रतिरोधक क्षमता बढ़ने से शरीर को बिमारियों से लड़ने की ताकत आती है। यह संक्रामक बीमारियों में सर्दी-जुकाम में भी खायी जाती है। इम्युनिटी पावर बढ़ाने के लिए इसका सेवन करे।
3) कमजोरी दूर करने में:
यह शरीर की ऊर्जा बढ़ाकर कमजोरी को दूर करती है। ताकत की जो दवाएं बनती है उनमें भी सफेद मूसली का प्रयोग किया जाता है।
4) पेशाब की जलन शांत करे:
पेशाब की जलन को शांत करने के लिए सफेद मूसली की जड़ का प्रयोग किया जाता है। इसकी जड़ को पीस लें और इलायची के साथ दूध में उबाले इस दूध को पिएं।
5) गठिया के दर्द में:
जिन्हें गठिया की परेशानी है उन्हें इसके चूर्ण का सेवन करना चाहिए और सफेद मूसली का कंद लगाना चाहिए।
6) स्पर्म क्वालिटी बढ़ाने में:
सफेद मूसली शुक्राणुओं को बढ़ाने में सहायक है। इसका सेवन करने से स्पर्म की गुणवत्ता में सुधार होता है।
7) मूत्र संबंधी समस्या:
बहुत से लोगों को मूत्र संबंधी समस्याएं होती है जैसे : पेशाब करने के दौरान दर्द होना। इस समस्या में मूसली जड़ के चूर्ण की १ से २ ग्राम की मात्रा का सेवन करना फायदेमंद है।
8) दस्त में:
दस्त लगने पर सफ़ेद मूसली की जड़ के चूर्ण २ से ४ ग्राम लें, इसे दूध में मिलाकर पिएं। इसका सेवन करने से दस्त, भूख की कमी, पेचिश में लाभ मिलता है।
9) सुजाक रोग में:
यह एक बैक्टीरियल इंफेक्शन की वजह से होने वाला रोग है जो यौन संपर्क की वजह से होता है। समय पर उपचार ना करवाया जाये तो नपुंसक होने की संभावना भी होती है। इसके लिए सफेद मूसली के चूर्ण का सेवन करें आपको लाभ मिलेगा।
`10) ब्रेस्टमिल्क बढ़ाने में:
जिन माताओं को ब्रेस्टमिल्क कम आता है उन्हें सफ़ेद मूसली का सेवन करना चाहिए। यह दूध में वृद्धि करने के लिए उपयोगी है। सफेद मूसली चूर्ण २ से ४ ग्राम लें और इसमें समान मात्रा में मिश्री मिला लें। इसे दूध में मिलाकर पिएं।
सफ़ेद मुसली के उपयोग - (Safed Musli Uses in Hindi)
सफ़ेद मूसली के फायदे ही इतने सारे है की इसे कई तरह से उपयोग किया जाता है। आगे जानिए सफ़ेद मूसली के उपयोग।
चिकित्सा प्रणालियों में इसका उपयोग किया जाता है। आयुर्वेद, होम्योपैथी, यूनानी चिकित्सा पद्धतियों में सफ़ेद मूसली प्रयोग में लायी जाती है। इसमें साधारण शर्करा की उच्च मात्रा होती है जिनमें मुख्य है सुक्रोज, फ्रुक्टोज और ग्लूकोज।
इसके अंकुर में सैपोनिन नाम का एक प्राकृतिक रासायनिक यौगिक होता है। यह बुढ़ापे की गति धीमी करता है, कामोत्तेजक में बढ़ावा करता है। सफ़ेद मूसली की जड़ों में स्टेरायडल और ट्राइटरपेनोइड सैपोनिन-रासायनिक यौगिक होता है जो यौगिक चिकित्सीय स्थानों में प्रयोग में लाया जाता है।
यह यौगिक यौन संबंधी बीमारी को ठीक करता है और अन्य उपयोगों में भी काम में लिया जाता है। पुरुषों में यौन संबंध की बिमारियों को दूर करने में यह सबसे फायदेमंद है। मधुमेह, गठिया, कैंसर के उपचार में भी सफ़ेद मूसली का उपयोग किया जाता है।
सफ़ेद मुसली खाने का तरीका - (How to Consume Safed Musli in Hindi?)
सफ़ेद मुसली को कई तरह से खाया जा सकता है। इसके सेवन की अलग - अलग विधि आगे बताई गई है।
अगर आप सफ़ेद मुसली का सेवन करने जा रहे है तो पहले चिकित्सक से परामर्श लें क्योंकि इसकी खुराक हर उम्र, रोग और लिंग के अनुसार अलग होती है।
सफ़ेद मुसली को इन रूपों में प्रयोग कर सकते है।
सफ़ेद मुसली का तेल
सफ़ेद मुसली का अर्क
सफ़ेद मुसली के बीज
सफ़ेद मुसली कैप्सूल
सफ़ेद मुसली पाउडर (श्वेत मुसली चूर्ण)
- दिन में दो बार आधा-आधा चम्मच मूसली पाक ले सकते है।
- सफेद मूसली पाउडर, मूसली पाक का सेवन कर सकते है।
- गुनगुने दूध में सफेद मूसली पाउडर आधा चम्मच डालें दिन में दो बार भोजन के पश्चात् इसका सेवन करें। यह स्वप्नदोष के बाद आने वाली कमजोरी को दूर करने में मददगार है।
- सफेद मूसली की १५ ग्राम जड़ों को दूध में उबालकर पिएं।
- दिन में दो बार १ से २ ग्राम सफेद मूसली चूर्ण को लिया जा सकता है।
- इसके १ से २ कैप्सूल को भी दिन में दो बार खा सकते है।
निष्कर्ष :
सफ़ेद मुसली खाने का तरीका और इसके फायदे आपने जाने। फिर भी इसका सेवन करने के पहले डॉक्टर से जरूर सलाह लें और किसी तरह की परेशानी आने पर डॉक्टर को बताएं।